नमस्कार दोस्तों हम मे से बोहोत सरे लोगो की इनकम टैक्सेबल जोन मे आती होगी अगर आप बड़े व्यावसायिक हो या छोटे अगर आपक टैक्स भरते हो तो स्वाभाविक है के आप टैक्स बचने के विकल्प तलाशेंगे इसलिए आप एक्सपर्ट की राइ लेकर उन्होंने बताये हुए निवेश के रस्ते टैक्स बचने की कोशिस करते है और इस टैक्स बचाने के कोशिश को ही टैक्स प्लानिंग कहते है टैक्स प्लानिंग कायदेशीर मार्ग टैक्स बचने का जब हम कोई स्किम मई निवेश करते है तब उसमे हमको कुछ टैक्स छूट मिलती है और उससे मिलने वाली राशि पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता ऐसे विकल्प को चुनना ही टैक्स प्लांनिग है
क्या है टैक्स प्लानिंग (TAX PLANNING )
टैक्स प्लानिंग एक क़ानूनी तरीका है छूट पाने का इसमे कर दाता अपने वित्तीय स्तिथि का विशलेषण करके एक प्लान बनता है जिसमे एक वित्तीय वर्षा के लिए जो टैक्स भरना है उसका अच्छी तरह से नियोजन कर सके और क़ानूनी तरीके से टैक्स मे छूट पाकर निवेश मे मिलने वाली छूट का फायदा उठा सके लेकिन जब टैक्स प्लानिंग करते है तब इस बात का ध्यान रखना जरूति है सब क़ानूनी तौर पर सही है या नहीं इससे आपको टैक्स प्लानिंग मे कोई तकलीफ नहीं होगी
टैक्स प्लानिंग के कुछ अहम् बातें(important Points Of Tax Planning)
भारत मे इनकम टैक्स कायदा १९६१ के अनुसार टैक्स मे छूट पाने के लिए कर दाता निवेश मे या फिर अन्य विकल्प का अवलंब करके कायदे का पालन करके टैक्स कम कर सकते है और इस प्रकार से टैक्स प्लानिंग मे छूट पाने के कई विकल्प है जैसे की सेक्शन ८० C से लेकर ८० U तक जब आप किसी स्किम मे निवेश करते है तब आपको टैक्स प्लानिंग का अवसर प्राप्त होता है टैक्स प्लानिंग करना एक पूरी तरह से अभ्यास करके की गई प्रक्रिया है अगर किसी भी प्रकार का गैर क़ानूनी तरीके से टैक्स बचाने की कोशीस की तो कर दाता मुश्किल मे पड सक्ता है इसलिए टैक्स प्लानिंग करते वक़्त जानकारों की सलाह लेना जरुरी होता है अगर मुमकिन हो तो इस क्षेत्र मे होनेवाले व्यक्ति से टैक्स प्लानिंग करनी चाहिए
पर्सनल टैक्स प्लानिंग (PERSONAL TAX PLANNING)
पर्सनल टैक्स प्लानिंग मे जिन लोगो का अपना कोई छोटा व्यवसाय होता है और उनकी इनकम टैक्सेबल होती है तो स्वाभाविक है की वो टैक्स बचाने की सोचेंगे इसलिए जो भी निवेश करेंगे उनमे क़ानूनी तरीके से कितनी छूट फिर टैक्स की कटौती होती है ये बात पहले ध्यान मे रखेंगे और अपने ऊपर का टैक्स का बोझाम क़म करने की कोशिश करेंगे
कंपनी की फ टैक्स प्लानिंग (कॉर्पोरेट टैक्स प्लानिंग)
ये बात तो जाहिर है की कंपनी का प्रॉफिट है तो कंपनी की इनकम टैक्सेबल होगी और ये भी स्वाभाविक है कंपनी अपना टैक्स काम करने की या उससे बचने का कोई उपाय सोचेगी इसी प्रकार से होती है एक कॉर्पोरेट टैक्स प्लानिंग जिसमे कंपनी निवेश करने के बजाये कंपनी के कर्मचारी और ऑफिस स्टाफ को ज्यादा सुविधा देने की कोशिश करती है जैसे एम्प्लोयी की ऑफिस का ख़र्चा स्टाफ का आरोग्य बिमा उनका ट्रैवेलिंग खर्चा और जब कंपनी इस तरह से अपने इनकम का इस्तेमाल करती है तब सरकार की तरफ जो टैक्स बचाने के जो क़ानूनी विकल्प है उसके लिए पात्र होती है लेकिन इस समय कंपनी किसी भी प्रकार से टैक्स को टालने के मार्ग नहीं अपना सकती ये बात गैरकानूनी हो सकती है
जब कोई अच्छी कंपनी हर साल अपने नफा बढ़ा रही होती है तब टैक्स की राशि भी बढ़ जाना नियम के अनुसार ऐसे मे कंपनी को अपने खर्चे का सही प्लानिंग रख कर सही तरीके टैक्स प्लानिंग करना बोहोत जरूति हो जाता है
टैक्स प्लानिंग का उद्देश्य(Objcctive Of Tax Planning)
टैक्स प्लानिंग का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यही होता है की अपने ऊपर का टैक्स का बोझा क़ानूनी तरीके से काम किआ जा सके
- टैक्स की देयता को कम करना
- कंपनी या फिर पर्सनल व्ययसाय मे अर्थीक स्थिरता तथा वृद्धि लाने के लिए
- विकसित अर्थव्ययस्था निर्माण करने के लिए
- टैक्स प्लानिंग से एजेंट की सहायता कम होती है
- टैक्स प्लानिंग करने से कंपनी मे निवेश बढ़ता है इससे उत्पादक क्षमता बढ़ती है
- स्थानिय रोजगार को बढ़ाना
टैक्स प्लानिंग की विशेष बातें(Features oF Tax Planning)
- टैक्स प्लानिंग क़ानूनी दायरे को और सूचनाओं को ध्यान मे रखकर किआ जाता है
- टैक्स प्लानिंग एक सोची समझी हुई प्रक्रिआ मनि जाती है
- टैक्स प्लानिंग करने से टैक्स का बोझा कम हो जाता है और इससे इनकम बढ़ती है
- टैक्स प्लानिंग एक कभी न रूकने वाली प्रक्रिया है क्यों की जैसे इनकम बढ़ती है वैसे टैक्स भी बढ़ता जाता है
- टैक्स प्लानिंग एक वित्तीय वर्षा के लिए उस वर्षा के वित्तीय बजट को मद्देनज़र रख के की जाती है
- टैक्स प्लानिंग के बोहोत सारे विकल्प है
- टैक्स प्लानिंग करने से छूट और निवेश को बढावा देते है
टैक्स प्लानिंग के प्रकार (Types Of Tax Planning)
आमतौर पर टैक्स प्लानिंग टैक्स की राशि और बिज़नेस के विस्तार देखकर की जाती है और जानकर कंपनी या फिर बिज़नेस के जरुरत को ध्यान मे रखकर टैक्स का अच्छी तरह से प्लानिंग करते है
- उद्देश्य को धयान मे रखकर की गई टैक्स प्लानिंग (Tax Planning With Objective)
जब कंपनी या फिर कोई व्यक्ति किसी ठराविक उद्देश्य को ध्यान मे रखते है जैसे की निवेश करके टैक्स को बचाना उसमे ८०क और ८० U के विकल्प होते है और कुछ बातों को ध्यान मे रखकर निवेश किआ जाता है
२ क़ानूनी नियमो के तहत कर नियोजन:(Tax Planning By Law)
इस प्रकार के टैक्स प्लानिंग मे क़ानूनी बातें को विचार किया जाता है और उसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश होती है इस प्रकार की टैक्स प्लानिंग कंपनी की टैक्स प्लानिंग मे होती है
३ समय के अनुसार टैक्स प्लानिंग :(Tax Planning With Time)
जब टैक्स प्लानिंग की जाती है तब वित्तीय वर्षा का टैक्स स्लैब की जानकारी पहली देखि जाती है और टैक्स का पूरा प्लान उसी वर्षा के लिए होता न की उससे ज्यादा लेकिन कुछ बातें वैसे ही रहती है
टैक्स प्लानिंग के कुछ आसान मार्ग (Easy Ways Of Tax Planning)
टैक्स बचने के बोहोत सरे मार्ग आपको टैक्स प्लानिंग के जानकर देंगे इनमेसे कुछ मे आपको सारांश मे बताने वाला और हर एक पर लिखने की कोशिश करूँगा
- सेक्शन ८० C के तहत आप कुछ निवेश करते है तो उसपर आपको टैक्स मे छूट मिलती है
- अगर आपने कुछ आरोग्य बिमा लिए है तो उसपर ८०C से टैक्स मई छूट मिलती है
- अगर आप वरिष्ट नागरिक है तो आपको टैक्स मे विशेष छूट मिलेगी
- कुछ ऐसी इनकम जिम्पार आपको टैक्स नहीं देना पड़ता सेविंग्स कहते पर मिलने वाला व्याज
ऐसे और बोहोत सारे तरीके से आप टैक्स प्लानिंग कर टैक्स कम कर सकते है यहाँ पर बताये गए सभी बाटें सारांश मे है और जल्द ही सभी मुद्दों पर मई विस्तार से लिखूंगा ब्लॉग पर बने रहे धन्यवाद
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