HDFC Ergo कंपनी विभिन्न तरह के बिमा पॉलिसी प्लान ग्राहककों के लिए बनाये है। इसके पहले के आर्टिकल मे मैंने आपको HDFC Ergo हेल्थ इन्शुरन्स के बारेमे विस्तार से जानकारी दी है। आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है। HDFC Ergo हेल्थ इन्शुरन्स की पूरी जानकारी। इस लेख मे आपको HDFC Ergo के हेल्थ सुरक्षा प्लान के बारे मे विस्तार से बताऊंगा। जिससे आपको जरुरत के हिसाब से जिसे प्लान की आपको जरुरत है वो प्लान ले सकते है। इस ब्लॉग का उद्देश्य यही तो है !!!
HDFC Ergo हेल्थ सुरक्षा बिमा पालिसी फोटो क्रेडिट :लाइव मिंट |
HDFC Ergo हेल्थ इन्शुरन्स के ७ तरह के बिमा पालिसी विकल्प उपलब्ध है।
- HDFC हेल्थ सुरक्षा इन्शुरन्स पॉलिसी :
- HDFC हेल्थ सुरक्षा गोल्ड इन्शुरन्स पॉलिसी:
- HDFC हेल्थ सुरक्षा रेगैन इन्शुरन्स पॉलिसी:
- HDFC हेल्थ सुरक्षा गोल्ड रेगैन इन्शुरन्स पॉलिसी:
- HDFC हेल्थ सुरक्षा टॉप उप इन्शुरन्स पालिसी :
- HDFC क्रटिकल इलनेस इन्शुरन्स पॉलिसी :
- HDFC क्रटिकल इलनेस प्रीमियम इन्शुरन्स पॉलिसी :
- HDFC Ergo हेल्थ सुरक्षा इन्शुरन्स पॉलिसी :
HDFC Ergo हेल्थ सुरक्षा पॉलिसी खास तौर पर आपके और आपके परिवार को ध्यान मे रखकर बनाये गई है।
HDFC हेल्थ सुरक्षा इन्शुरन्स पॉलिसी के फायदे :
- मरीज के अंगो के दान के लिए कवर उपलब्ध।
- अगर आपने १ साल के अंदर क्लेम के लिए आवदेन नहीं किया तो आपको ५ प्रतिशत का बोनस आपके अंकित राशि मे दिया जाता है।
- वार्षिक या फिर २ साल के प्लान के रूप मे बिमा पालिसी ली जा सकती है।
- अगर आप खुद के लिए पालिसी ले रहे हो तो आपको ६५ साल की उम्र तक प्लान लेने के लिए कोई मेडिकल चेक उप नहीं करना पड़ेगा लेकिन आप आपके फॅमिली के साथ ये प्लान ले रहे हो ४५ साल तक की उम्र तक कोई मेडिकल चेक उप नहीं।
- आयुर्वेद ,योग,होमियोपैथी जैसे इलाज के कवर उपलब्ध।
- इलाज के पहले और बाद का अस्पताल का खर्चे का कवर।
- अस्पताल के रूम का भाड़ा और डॉक्टर के फीस के लिए कोई भी लिमिट नहीं है।
- अंडर सेक्शन 80D के अनुसार टैक्स मे छूट के लिए पात्र।
- आसान और ऑनलाइन पॉलिसी नवीकरण प्रक्रिया।
- ३ लाख से लेकर १० लाख रुपये तक की बिमा राशि अंकित कर सकते है।
- अगर आपने ४ साल से क्लेम के लिए आवेदन नहीं किया तो आपको फ्री मेडिकल चेक उप की सेवा मिलती है।
- बड़ी बीमारियों के लिए २ साल का प्रतीक्षा अवधि।
- इंडिविजुअल या फिर फॅमिली फ्लोटर इनमेसे एक को आप ले सकते है।
- अस्पताल मे भर्ती होने के बाद कॅश लेस की सेवा।
- अगर मरीज को अस्पताल मे भर्ती करने की जरुरत नहीं है तो डे केयर की सुविधा।
- डेंटल केयर की सुविधा।
- मैटरनिटी का खर्चा भी कवर कर सकते है।
- ३ लाख से लेकर १० लाख तक की बिमा राशि का प्लान लिया जा सकता है।
क्या शामिल नहीं है ?
- अगर मरीज को प्लास्टिक सर्जरी की जरुरत नहीं होने पर की गए हो तो उसका खर्चा इसमे शामिल नहीं है।
- दंगा फसाद से जख्मी होने पर इस पालिसी का लाभ नहीं ले सकते।
- आत्महत्या जैसे मामलो क्लेम या फिर नुकसान भरपाई नहीं मिल सकती।
- ड्रग्स या फिर दारू के अतिसेवन से अस्पताल मे भर्ती होने पर नुकसान भरपाई नहीं मिलती है।
- HIV AIDS आदि बिमारियों का इलाज।
HDFC हेल्थ सुरक्षा इन्शुरन्स पॉलिसी की क्लेम क्लेम प्रक्रिया :
Cashles क्लेम प्रक्रिया :
अगर आपने बिमा कंपनी के लिस्ट मे से Hospital चुना है तो आपको कैशलेस claim सुविधा मिलती है।
- अगर Emergency के वक़्त बिमा धारक को अस्पताल लेके जाना पड़ा तो एडमिट करने के बाद बिमा इन्शुरन्स कंपनी को बताना जरुरी है।
- अगर मरीज को अस्पताल लेके जाना पहले से तय है तो एडमिट करने के ४८ घंटे पहले बिमा company को बताना चाहिए।
- उसके बाद आपको अस्पताल की तरफ से कैशलेस क्लेम मिल जायेगा।
क्लेम करने के लिए जरुरी दस्तावेज :
- डिस्चार्ज का रिपोर्ट।
- FIR ,लीगल सर्टिफिकेट अगर जरुरी हो तब।
- अस्पताल का पूरा बिल original बिल्स।
- इससे पहले के इलाज के दस्तावेज।
- मेडिकल टेस्ट Reports
- क्लेम फॉर्म आपकी हस्ताक्षर के साथ।
इलाज के बाद की क्लेम प्रक्रिया :
- अगर आपने बिमा कंपनी के listed अस्पताल के आलावा दूसरे अस्पताल मे Treatment ली है तो आपको सबसे पहले अस्पताल का बिल चुकाना होगा और उसके बाद Claim के लिए आवेदन करना होगा।
- Discharge के बाद ७ दिन के अंदर claim Form भरना होगा।
- उसके बाद बिमा कंपनी सरे जरुरी process करने के बाद ३० दिन के अंदर आपको क्लेम भेज देगी।
इस लेख मे मैंने सिर्फ एक पालिसी प्लान की जानकारी दी है अगर आपको सभी प्लान्स के बारे मे जानकारी चाहिए या फिर कोई अन्य इन्शुरन्स के बारे मे जानकारी चाहिए हो तो आप मुझे कमेंट कर बता सकते है।
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