भारत मे शेयर बाजार मे निवेश करने के बजाये बैंक मे फिक्स्ड डिपाजिट मे पैसे ज्यादा रखे ज्यादा इसका कारन बैंक FD को सबसे सुरक्षित माना जाता है। इसके आलावा आप बैंक मे फिक्स्ड डिपाजिट पर पैसे ७ दिन से लेकर १० साल के लिए रख सकते है। और बाकि डिपाजिट के मुकाबले आपको १० गुना ज्यादा ब्याज मिलता है। एक निश्चित परतवे के लिए बैंक FD हमेशा से एक सही निवेश विकल्प है। मेरा हमेशा यह मानना रहा है की फिक्स्ड डिपाजिट लम्बे समय के परतवा और निवेश हेतु करनी चाहिए।
फिक्स्ड डिपाजिट की विशेष बातें :
- फिक्स्ड डिपाजिट निवेश करने से आपको आपके निवेश राशि पर ज्यादा ब्याज मिलता है।
- फिक्स्ड डिपाजिट खाते मे आप सिर्फ एक बार एक साथ पैसे दाल सकते हो। इसके आलावा आप एक और फिक्स्ड डेपोसट खाता खोल सकते हो।
- फिक्स्ड डिपाजिट का समय खत्म होने पर आप फिर से उसी राशि को निवेश कर सकते है। Renew कर सकते है।
- फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर TDS कटा जाता है।
- फिक्स्ड डिपाजिट मे ब्याजदर ज्यादा नहीं बदलते है।
फिक्स्ड डिपाजिट मे निवेश करने के फायदे :
- फिक्स्ड डिपाजिट सभी निवेश मे सबसे सुरक्षित और स्टेबल निवेश प्रकार माना जाता है।
- इस तरह के निवेश मे पैसे डूबने की कोई आंशका नहीं होती है और आपको मिलने वाली निवेश राशि और ब्याज पहले से तय होता है।
- बैंक FD के आलावा निजी कम्पनिया भी FD सुविधा देती है जिनका ब्याजदर बैंको से ज्यादा होता है।
- अगर आपको पैसे की जरुरत ज्यादा है तो आप FD मे निवेश करके हर महीने ब्याज लेने के विकल्प चुन सकते है।
- सीनियर सिटीजन के लिए ज्यादा ब्याज और अच्छे अच्छे ऑफर।
- फिक्स्ड डिपाजिट निवेश मे शेयर बाजार मे गिरावट या फिर अन्य किसी समस्या से कोई फरक नहीं पड़ता है।
फिक्स्ड डिपाजिट निवेश करने से पहले इन बातो का रखे ध्यान :
१) टैक्स की जानकारी :
फिक्स्ड डिपाजिट पर आपको जो ब्याज मिलता है उसपर आपको TDS और टैक्स काटा जाता है। और टैक्स का रेट आपके इनकम पर निर्भर करता है। और टैक्स के बाद आपको ज्यादा से ज्यादा ५.३० फीसदी का ब्याजदर मिलता है। १ साल मे १० हजार से ज्यादा ब्याज मिलने पर TDS देना होता है। *(अब इस लिमिट को बैंक्स और पोस्ट ऑफिस के फिक्स्ड डिपाजिट पर १० से बढाकर ४० हजार कर दिया गया है ) इसके लिए करने से पहले टैक्स के बाद आपको कितना ब्याज मिलेगा इस पर ध्यान देना होगा।
२) ब्याजदर :
फिक्स्ड डिपाजिट लेते वक़त आपको ब्याजदर पर ध्यान देना होगा क्यों की हर बैंक के ब्याजदर अलग होते है और आपके डिपाजिट के समय पर बदलते भी रहते है। और अगर आप ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा की निजी फाइनेंस कम्पनिया बैंको से ज्यादा ब्याजदर देती है। हलाकि थोड़ी रिस्क ज्यादा होती है।
३) ब्याजदर लेने का समय :
FD करते समय आपको ब्याज कब लेना है ये बात को देखना जरुरी है। अगर आपको हर महीने पैसो की जरुरत हो तो आप हर महीने ब्याज निकलने की सोच सकते है। इसके आलावा ६ महीने १ साल पर ही आप ब्याज निकल सकते है। और अगर आप ब्याज नहीं निकलते है तो उसको फिर से आपके निवेश राशि के साथ निकेश किया जाता है।
4) मचोरिटी के पहले जमा राशि निकलना :
कई बार ऐसा होता है की आपको आपातकालीन स्तिथि मे पैसो की जरुरत पड़ती है। और उस समय आप फिक्स्ड डिपाजिट से पैसे नहीं निकल सकते। ऐसे मे आपको FD करने के पहले इस बात पर ध्यान देना होगा। सभी बैंको मे आप FD करने के बाद १ साल के मे पैसे नहीं निकल सकते। इसके लिए आपको कम समय वाली FD करनी पड़ेगी। क्यों की जमा राशि मचोरिटी के पहले निकलने पर आपको पेनल्टी लग सकती है।
५) निवेश का जरिया :
FD मे निवेश शुरू करने के पहले आपको फिक्स्ड डिपाजिट मे निवेश की राशि कैसे डालेंगे इस पर विचार करना होगा इसके लिए आप सीधा बैंक ब्रांच मे जाकर निवेश राशि जमा कर सकते है इसके आलावा नेट बैंकिंग,ATM ,मोबाइल बैंकिंग के सहारे भी आप निवेश राशि जमा करा सकते है।
६) FD कितने समय के लिए करनी है ?
FD निवेश के पहले आपको आपके नियोजन के अनुसार आपको FD कितने साल तक करनी है ये बात जान लेना जरुरी है। जबकि ७ दिन से केलर १० साल तक के FD निवेश सुविधा उपलब्द है। इसके लिए जब आपको १ साल बाद पैसे की जरुरत हो तो १ की ही FD करना अच्छा होगा। और उसके बाद अगर आप चाहे तो उसका समय बढ़ा सकते है। इस बात पर ध्यान देना होगा की FD के कालावधि पर ब्याज प्रतिशत बदलता है। ज्यादा दिन के लिए ज्यादा ब्याज आपको मिलेगा। इसके आलावा टैक्स मे छूट का लाभ भी मिलता है।
फिक्स्ड डिपाजिट लेते वक़त आपको ब्याजदर पर ध्यान देना होगा क्यों की हर बैंक के ब्याजदर अलग होते है और आपके डिपाजिट के समय पर बदलते भी रहते है। और अगर आप ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा की निजी फाइनेंस कम्पनिया बैंको से ज्यादा ब्याजदर देती है। हलाकि थोड़ी रिस्क ज्यादा होती है।
३) ब्याजदर लेने का समय :
FD करते समय आपको ब्याज कब लेना है ये बात को देखना जरुरी है। अगर आपको हर महीने पैसो की जरुरत हो तो आप हर महीने ब्याज निकलने की सोच सकते है। इसके आलावा ६ महीने १ साल पर ही आप ब्याज निकल सकते है। और अगर आप ब्याज नहीं निकलते है तो उसको फिर से आपके निवेश राशि के साथ निकेश किया जाता है।
4) मचोरिटी के पहले जमा राशि निकलना :
कई बार ऐसा होता है की आपको आपातकालीन स्तिथि मे पैसो की जरुरत पड़ती है। और उस समय आप फिक्स्ड डिपाजिट से पैसे नहीं निकल सकते। ऐसे मे आपको FD करने के पहले इस बात पर ध्यान देना होगा। सभी बैंको मे आप FD करने के बाद १ साल के मे पैसे नहीं निकल सकते। इसके लिए आपको कम समय वाली FD करनी पड़ेगी। क्यों की जमा राशि मचोरिटी के पहले निकलने पर आपको पेनल्टी लग सकती है।
५) निवेश का जरिया :
FD मे निवेश शुरू करने के पहले आपको फिक्स्ड डिपाजिट मे निवेश की राशि कैसे डालेंगे इस पर विचार करना होगा इसके लिए आप सीधा बैंक ब्रांच मे जाकर निवेश राशि जमा कर सकते है इसके आलावा नेट बैंकिंग,ATM ,मोबाइल बैंकिंग के सहारे भी आप निवेश राशि जमा करा सकते है।
६) FD कितने समय के लिए करनी है ?
FD निवेश के पहले आपको आपके नियोजन के अनुसार आपको FD कितने साल तक करनी है ये बात जान लेना जरुरी है। जबकि ७ दिन से केलर १० साल तक के FD निवेश सुविधा उपलब्द है। इसके लिए जब आपको १ साल बाद पैसे की जरुरत हो तो १ की ही FD करना अच्छा होगा। और उसके बाद अगर आप चाहे तो उसका समय बढ़ा सकते है। इस बात पर ध्यान देना होगा की FD के कालावधि पर ब्याज प्रतिशत बदलता है। ज्यादा दिन के लिए ज्यादा ब्याज आपको मिलेगा। इसके आलावा टैक्स मे छूट का लाभ भी मिलता है।
फिक्स्ड डिपाजिट पर टैक्स की बात :
- आपके FD पर जो ब्याज आपको मिलता है उसपर TAX लिया जाता है।
- लिया जाने वाला टैक्स आपके इनकम के अनुसार ० से लेकर ३० प्रतिशत के बिच मे होता है।
- अगर आपको १ वित्तीय वर्षा मे १० हजार से ज्यादा ब्याज मिला है*(अब इस लिमिट को बैंक्स और पोस्ट ऑफिस के फिक्स्ड डिपाजिट पर १० से बढाकर ४० हजार कर दिया गया है ) तो उस राशि से १० प्रतिशत TDS कटा जाता है। (इसके लिए आपके PAN कार्ड उसपर अपडेट होना।
- अगर PAN कार्ड नहीं है तो २० प्रतिशत TDS काट लिया जाता है।
- अगर आपकी इनकम टैक्सेबल से कम है तो तो आप TDS रिफंड के लिए फॉर्म भर सकते है
- वरिष्ठ नागरिक FORM 15H भरके TDS से बच सकते है।
- फॉर्म 15 G से भी आप TDS काटने से बच सकते है.
बजाज फिनांस निजी कंपनी के ब्याजदर
Column1 | Column2 | Column3 | Column4 | Column5 | Column6 | Column7 |
Tenor in Months | Minimum deposit (in Rs.) | Cumulative | Non-Cumulative | |||
Monthly | Quarterly | Half-yearly | Yearly | |||
12 – 23 | 25,000 | 7.60% | 7.35% | 7.39% | 7.46% | 7.60% |
24 – 35 | 25.000 | 7.90% | 7.63% | 7.68% | 7.75% | 7.90% |
36 - 60 | 25.000 | 8.10% | 7.81% | 7.87% | 7.94% | 8.10% |
फिक्स्ड डिपाजिट लेने के लिए जरुरी दस्तावेज :
फिक्स्ड डिपाजिट एक आदमी या पीर बड़ी कंपनी पार्टनरशिप फर्म कोई भी निकल सकते है इस लिहाज दस्तावेज उनके लिए अलग होंगे। इसकी जानकरी आप बैंक की ब्रांच मे जाकर देख सकते है।
- PAN कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
कंपनी के लिए जरुरी दस्तावेज :
- पैन कार्ड
- कंपनी का सर्टिफिकेट
- मेमोरेंडम फ़ो आर्टिकल असोसिएशन
- पार्टनरशिप डीड
- बोर्ड रेसोलुशन पत्र
- कपनी के स्टाम्प
FD मे मनी लेंडरिंग की सहायता से अधिक रिटर्न कमा सकते है।
- मनी लेंडरिंग मे आपके निवेश को ज्यादा हिस्सों मे बाटा जाता है और उसके अलग अलग मचोरिटी समय पर निवेश किया जाता है।
- एक निर्धारित समय पर आपकी एक एक FD मचोरे होती है।
- लांडरिंग की मदत से आपको कम समय पर अच्छा ब्याज मिलता है।
- इसके आलावा आपको राशि ज्यादा समय निवेश करने की जरुरत नहीं पड़ती है।
- लांडरिंग पर FD तोड़ने पर कोई नुकसान नहीं होता है।
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