नमस्कार इस साल के बजट मे आपको मिलनेवाली शेयर के डिविडेंड की राशि (Income) पर टैक्स लगेगा। जो नया टैक्स स्लैब है उसमे आपको ५ हजार से ज्यादा डिविडेंड राशि इनकम पर टैक्स (TDS )देना होगा। ऐसे मे बोहोत सारे लोग जिन्होंने म्यूच्यूअल फण्ड डिविडेंड इनकम हेतु लिए था जिन का एक उद्देश्य टैक्स बचाना भी था क्या करना सही होगा इस मुसीबत मे है।
अगर आप इसी को लेकर चिंतित है तो मुबारक हो आप सही जगह आये हो !!!! सबसे पहले मे ग्रोथ फण्ड के बारे मे पूरी जानकारी दूंगा और उसके बाद बात करेंगे क्या असर पड़ा है नए टैक्स स्लैब से ऐसे डिविडेंड देने वाले म्यूच्यूअल फण्ड के ऊपर।
ग्रोथ फंड्स क्या होते है ?
- ग्रोथ म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसा फण्ड होता है जो नए कंपनी मे निवेश करता है जो की वेल्थ की तरफ बढ़ रहे होते है।
- ग्रोथ फण्ड मे सिर्फ ऐसी ही कम्पनिया का शेयर चुना जाता है जिनका रेवेनुए ग्रोथ अच्छा होता है जिनसे एकदम से ज्यादा की रिटर्न मिल सकती है।
- लेकिन इसमे रिस्क भी उतनी ही है।
- इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करने के बाद आप ग्रोथ म्यूच्यूअल फण्ड का विकल्प चुन सकते है।
- जब की इक्विटी मार्किट मे स्माल मिड और लार्ज कैपिटल कम्पनिया होती है ग्रोथ फण्ड मे इसमे से ही नए कंपनी का शेयर लिए जाते है।
- ऐसी कम्पनिया अपना प्रॉफिट नए प्रोडक्ट के रिसर्च ,बिज़नेस को बढ़ने के लिए लगाती है इसके कारन ऐसी कम्पनिया डिविडेंड नहीं देती है लेकिन एक छोटे समय मे अच्छा बिज़नेस करके निवेशक को बड़ा रिटर्न जरूर दे सकती है।
ग्रोथ फण्ड मे निवेश करने के फायदे :
सभी तरह के शेयर्स परिपूर्ण फण्ड पोर्टफोलिओ :
ग्रोथ फण्ड के फण्ड मैनेजर ऐसी कंपनी के तलाश मे होते है जो नए और तेजी से आगे बढ़ रही होती है जाहिर है ऐसे मे सभी क्षेत्र मे सबसे अच्छी नए कंपनी ही चुनी जाती है। इससे उनको अलग अलग तरह के बिज़नेस वाली कम्पनिया ख़रीदिनी होती है इसके कारन एक ऐसी होल्डिंग बनती है जो मार्किट के निचले दौर मे भी पोर्टफोलिओ को संभल कर रख सकती है।
अच्छे रिटर्न की उम्मीद :
इस तरह के फण्ड के मैनेजर अपना ज्यादा समय अच्छे नए शेयर्स चुन्नने मे लगा देते है इसमे अनुभव भी काफी होता है। इससे ऐसी मल्टीबैग्गेर कम्पनिया होती है जो बोहोत ज्यादा रिटर्न देती है।
लम्बे समय के लिए लाभदायक :
जब आप किसी बड़े शेयर का उदहारण देखते है तो आपको पता चलेगा की शुरवाती समय मे शेयर का मूल्य एक नए कंपनी से मिलता जुलता है। इसमे ये बात साफ़ होती है की अगर ऐसे फण्ड मे लम्बे समय के लिए निवेश मे रहे तो ज्यादा रिटर्न मिल सकती है हलाकि इसमे काफी रिस्क भी शामिल है।
टैक्स लाभ :
ग्रोथ फण्ड निश्चित तौर पर टैक्स बचा सकते है। जैसे की इस साल से आपको डिविडेंड पर टैक्स देना होगा। लेकिन ग्रोथ फण्ड मे LTCG के अनुसार आपको १ साल बाद १ लाख की रिटर्न पर १० प्रतिशत टैक्स लग सकता है जो की काफी कम है।
कम उम्र वाले निवेशक के लिए अच्छा विकल्प :
जब आप ऐसे फण्ड मे निवेश करते है तो इसमे रिस्क बोहोत ज्यादा होती है.और आपको मिलनेवाला रिटर्न लम्बे समय मे मिलता है। ऐसे मे अगर आप रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न लेना चाहते है तो आपको ग्रोथ फण्ड लेना होगा। मे कम उम्र वाले निवेशक को इसे रेकमंड करूँगा।
अनुभवी स्टाफ और फण्ड मैनेजमेंट :
फण्ड मैनेजर और अन्य स्टाफ शेयर बाजार मे बोहोत अनुभवी होता है जो अपने ज्ञान से सबसे अच्छे है। जो मार्किट के ख़राब समय मे भी अच्छे निर्णय लेने मे सक्षम होते है।
डिविडेंड फण्ड या फिर ग्रोथ फण्ड कौनसा अच्छा होगा ?
- बजट २०२० अप्रैल से आपके म्यूच्यूअल फण्ड डिविडेंड की इनकम पर टैक्स DDT (Dividend Distrubition Tax ) आपके टैक्स स्लैब के हिसाब कटा जायेगा।
- इससे पहले DDT पहले ही निकल कर आपको आपको डिविडेंड इनकम दी जाती थी।
म्यूच्यूअल फण्ड DDT रेट अप्रैल २०२० से पहले
म्यूच्यूअल फण्ड प्रकार | DDT रेट्स |
इक्विटी फण्ड | 11.65% |
वेब्ट फण्ड | 29.12% |
अब नए नियमो के अनुसार DDT नहीं लगेगी लेकिन डिविडेंड की राशि सीधे आपके इनकम मे ऐड हो जाएगी जिससे आपको आपके इनकम पर जो टैक्स देना है वही एक टैक्स होगा। ऐसे मे डिविडेंड पेइंग म्यूच्यूअल फण्ड अच्छे होंगे या फिर ग्रोथ वाले इस बात पर बोहोत सारे लोग परेशां है। चलिए जानते है कब क्या कौनसा म्यूच्यूअल फण्ड सही होगा।
नए टैक्स स्लैब को चुनने के बाद इक्विटी फण्ड डिविडेंड प्लान या फिर ग्रोथ फण्ड ?
- इक्विटी फण्ड की अभी की DDT है ११.६५ प्रतिशत और ऐसे समय अगर आपकी इनकम ७.५ लाख के बिच मे है तो आप डिविडेंड प्लान को ले सकते है क्यों की इनकम साढ़े सात लाख से होने के कारन आपको टैक्स भी कम १० प्रतिशत लगेगा जिससे डिविडेंड वाली इनकम राशि का ज्यादा फरक नहीं पड़ेगा।
- लेकिन अगर आपकी इनकम साढ़े सात लाख से ज्यादा है तो आपको१५.६ प्रतिशत का टैक्स लगेगा ऐसे मे ग्रोथ फण्ड का विकल्प सही रहेगा क्यों की आप ग्रोथ फण्ड मे १२ महीने बाद फण्ड को बेच सकते है जिसमे आपको सिर्फ १० प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके आलावा १ लाख तक के इनकम पर आपको टैक्स भी नहीं लगेगा।
नए टैक्स स्लैब को चुनने के बाद डेब्ट फण्ड डिविडेंड प्लान या फिर ग्रोथ फण्ड ?
- अगर आप आज की डेब्ट फण्ड DDT देखेंगे तो वो २९.१२ प्रतिशत है।
- और १५ लाख तक की इनकम होने पर टैक्स लगता है २६ प्रतिशत इस स्तिथि मे आप डेब्ट फण्ड डिविडेंड ले सकते है जिससे आपको फायदा होगा।
- लेकिन १५ लाख से ज्यादा इनकम होने पर आपको ग्रोथ फण्ड चुनना सही रहेगा क्यों की १५ लाख से इनकम पर आपको ३१ प्रतिशत का टैक्स देना होगा ऊपर से डिविडेंड इनकम भी ऐड हो जाएगी। इसके बजाये ग्रोथ फण्ड से आप १ साल बाद सिर्फ १० प्रतिशत के टैक्स पर रिटर्न हासिल कर सकते है।
पुराने टैक्स स्लैब मे इक्विटी फण्ड डिविडेंड या फिर ग्रोथ फण्ड ?
- अगर आपकी सालाना इनकम ५ लाख है और आप डिविडेंड प्लान चुनते है तो आपको डिविडेंड विकल्प सही रहेगा क्यों की आपको इतनी इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा।
- ५ लाख से ऊपर अगर आप डिविडेंड प्लान चुनेंगे तो आपको इनकम पर ज्यादा टैक्स लगेगा ऐसे मे आपको ग्रोथ फण्ड चुनना चाहिए जिससे आपको सिर्फ १० प्रतिशत का टैक्स देना पड़ेगा।
पुराने टैक्स स्लैब मे डेब्ट फण्ड डिविडेंड प्लान या फिर ग्रोथ फण्ड ?
- अगर आपकी सालाना इनकम १० लाख तक है और आप डेब्ट या फिर ग्रोथ कोई भी विकल्प चुन सकते है इसमे आपको ज्यादा फरक नहीं पड़ेगा।
- क्यों की हल की DDT है २९. १२ प्रतिशत अगर आप डिविडेंड प्लान लेते है तो आपको २० प्रतिशत का टैक्स देना होगा जब की ग्रोथ प्लान चुनने पर आप ३६ महीने पहले फण्ड बेंचेगे तो उसपर भी २० प्रतिशत ही टैक्स लगेगा। दोनों भी एक जैसे ही है। ३६ महीने पहले बेचने पर भी आपको २० प्रतिशत ही टैक्स देना है।
- १० लाख के ऊपर की इनकम पर आपको पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार ३१ प्रतिशत टैक्स लगेगा जिसका मतलब अगर डिविडेंड विकल्प चुनेंनेग तो आपको कुछ फायदा नहीं होगा।
- ऐसे मे आपको ग्रोथ फण्ड विकल्प चुनना होगा क्यों की अगर आप ऐसे फण्ड को ३६ महीने बाद बेचेंगे तो उसपर आपको २० प्रतिशत तक का टैक्स लगेगा।
- आप इस तरह के फण्ड को डेब्ट फण्ड ग्रोथ प्लान मे ३६ महीने पहले नहीं बेच सकते इससे आपको आपके टैक्स स्लैब के अनुसार यानेकी ३१ प्रतिशत टैक्स लगेगा।
(सौजन्य :मनी एक्सेल वेबसाइट )
नया टैक्स स्लैब कौनसा फण्ड सही रहेगा
सालाना इनकम | नई टैक्स स्लैब | क्या चुने |
५ लाख | कोई टैक्स नहीं | दोनों को चुन सकते है। |
५ से ७.५० लाख | १०.४ प्रतिशत | डिविडेंड फण्ड |
७. ५० से १० लाख | १५. ६ प्रतिशत | ग्रोथ फण्ड |
१२.५० से १५ लाख | २६ प्रतिशत | ग्रोथ फण्ड |
१५ लाख से ज्यादा | ३१.२ प्रतिशत | ग्रोथ फण्ड |
पुराने टैक्स स्लैब पर कौनसा फण्ड है सही ?
सालाना इनकम | नई टैक्स स्लैब | क्या चुने |
५ लाख | कोई टैक्स नहीं | दोनों को चुन सकते है। |
५ से १० लाख | २०.०८ प्रतिशत | ग्रोथ फण्ड |
१० लाख से ज्यादा | ३१. २ प्रतिशत | ग्रोथ फण्ड इन डेब्ट फण्ड |
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