नमस्कार क्या आपने कभी म्यूच्यूअल फण्ड ख़रीदा है या फिर कभी म्यूच्यूअल फण्ड की जानकरी पढ़ी है। अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने जायेंगे तो आपको २ प्लान्स दिखाई देंगे एक म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान और दूसरा रेगुलर प्लान पहले तो हमें ये बात मालूम नहीं होती की इनमे क्या फरक है इसके कारन कौनसा प्लान सही रहेगा ये हमें समझ मे नहीं आता इस लेख के सहारे हम इस बात को समझेंगे की म्यूच्यूअल फण्ड मे डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान मे क्या फरक है।
सबसे पहले हम दोनों प्लान्स की बेसिक जानकरी को देखते है।
म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान्स और रेगुलर फण्ड मे क्या अंतर है ?
- सबसे पहले आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड को लेते है तो उसमे डायरेक्ट या फिर रेगुलर प्लान चुनते है लेकिन दोनों भी प्लान्स एक ही फण्ड मैनेजर के पास होते है।
- डायरेक्ट प्लान मे आप खुद को म्यूच्यूअल फण्ड चुनना होता है इसमे आपको कोई एजेंट मदत नहीं करता है। इसके कारन किसी भी प्रकार का अतरिक्त कमिशन नहीं देना पड़ता।
- वही रेगुलर प्लान मे एक एजेंट होता है जो आपको फण्ड को खरीदने मे मदत करता है।
- इस समय इस काम के लिए म्यूच्यूअल फण्ड की तरफ से उस एजेंट को कमिशन दिया जाता है जो की आपके निवेश राशि से दिया जाता है।
- डायरेक्ट प्लान मे सीधे म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के साथ निवेश होता है।
- रेगुलर प्लान मे एजेंट की सहायता से म्यूच्यूअल फण्ड चयन किया जाता है।
डायरेक्ट प्लान | रेगुलर प्लान |
सीधे म्यूच्यूअल फण्ड निवेश | एजेंट या फिर डिस्ट्रब्यूटर से फण्ड निवेश |
डायरेक्ट प्लान मे कोई अतिरक्ति कमिशन नहीं | रेगुलर प्लान मे एजेंट को कमिशन देना होता है |
डायरेक्ट प्लान्स ज्यादा रिटर्न देते है | रेगुलर प्लान्स की रिटर्न कम होती है |
म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान से निवेश करने के फायदे :
- डायरेक्ट प्लान मे निवेश करने से आपको एजेंट का कमिशन देने की जरुरत नहीं पड़ती।
- डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेश्यो कम होता है जिससे आपको मिलनेवाला रिटर्न पूरी तरह से आपका होता है।
- आपको डायरेक्ट प्लान मे कम राशि आसानी से अच्छे फंडो मे निवेश कर सकते है बिना किसी के सहायता से।
- डायरेक्ट प्लान मे कोई डिस्कटरिब्यूटर ना होने के कारन आप सीधे उस कंपनी के साथ जुड़ते है जिसका सहारे आप निवेश कर रहे है।
- डायरेक्ट प्लान होने का मतलब ऐसा नहीं की आप किसी सलाहगार की मदत नहीं ले सकते अगर आपको मदत की जरुरत पड़े तो आप ऐसी मदत प्राप्त कर सकते है। और अपने इन्वेस्टमेंट पर एक जरुरी निर्णय ले सकते है।
- रेगुलर प्लान के मुकाबले डायरेक्ट प्लान आपको ज्यादा रिटर्न देता है
म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान मे निवेश करने के फायदे :
- रेगुलर प्लान मे अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड और शेयर बाजार मे निवेश करना नहीं जानते तो चुनना चाहिए क्यों की इसमे अनुभवी स्टाफ आपको अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड चुनने मे मदत करता है।
- जब आपको कोई जानकारी नहीं होती तो फण्ड चुनना आसान नहीं होता इसके आलावा आप कंफ्यूज और परेशांन हो जाते है।
- शेयर बाजार मे गिरावट के समय भी आपका फण्ड स्थिर रह सकता है क्यों की फण्ड को चुनने के लिए अनुभवी टीम होती है।
- एक अनुभवी सलाहगार आपको ऐसे फण्ड मे निवेश करने मे मदत करेगा जिससे आप डायरेक्ट प्लान के मुकाबले ४ से ५ प्रतिशत ज्यादा रिटर्न कमा सकते है।
इसे अच्छे से समझने के लिए मे आपको HDFC स्माल कैप फण्ड डायरेक्ट और रेगुलर प्लान की जानकारी देना चाहूंगा।
सौजन्य paytm मनी |
- आप देख सकते है की HDFC स्माल कैप फण्ड मे डायरेक्ट मे एक्सपेंस रेश्यो ०.८८ प्रतिशत है जब की रेगुलर प्लान के लिए वही रेश्यो २.०८ फीसदी है।
- इसका मतलब आपको डायरेक्ट प्लान मे आपको कम शुल्क लगेगा और ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगी।
- लेकिन रेगुलर प्लान मे उसी रिटर्न मे से आपको एक्सपेंस रेश्यो देकर कम रिटर्न मिलेगी।
- अगर आप ५ साल की बात करेंगे तो रिटर्न का अंतर काफी ज्यादा नहीं है लेकिन २० साल के समय के लिए आपको इस तरह कमिशन का शुल्क काफी ज्यादा होगा।
डायरेक्ट प्लान या फिर रेगुलर प्लान कहा करे निवेश ?
- अगर आपको शेयर बाजार की अच्छी जानकारी है और आप खुद म्यूच्यूअल फण्ड चुनना चाहते है तो आपके लिए डायरेक्ट प्लान अच्छा विकल्प हैं.
- अगर आपको मदत की जरुरत पड़े तो रेगुलर प्लान लेने के बजाये भी आप किसी निवेश सलाहगार की मदत से भी फण्ड चुन सकते है।
- अगर आप ऐसी रिस्क नहीं लेना चाहते है तो रेगुलर प्लान अच्छा विकल्प रहेगा।
आप म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के वेबसाइट पर जाकर किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड प्लान के दोनों विकल्प का रिटर्न चेक कर सकते है और वह से सीधा प्लान खरीद भी सकते है इसके आलावा आप SIP भी करा सकते है। आपको ज्यादातर रिटर्न देनेवाले अच्छे प्लान की मिल सकते है।
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