शेयर खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग खाता होना जरुरी होता है और उन शेयर को होल्ड करने के लिए डीमैट खाता होना जरुरी होता है। इस दौर के निवेशक अपने नाम पर एक से ज्यादा डीमैट खाते रखते है। नए डीमैट खाता देने वाले ब्रोकर फर्म पहले ब्रोकर फर्म से अच्छे सुविधाएं अगर कम दाम मे दे रही है तो ऐसे मे रिटेल निवेशक उस नए ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खोलने के लिए आकर्षित हो जाते है ऐसे मे नए डीमैट खाते पर पहले से लिए हुए शेयर ट्रासंफर करना जरुरी बन जाता है।
डीमैट खाते से शेयर ट्रांसफर करने के कारन :(Reason For Share Trnsfer)
- हर एक निवेशक की शेयर बाजार मे निवेश करने का एक प्लान होता है जिसके मुताबिक ही निवेशक ब्रोकर और डीमैट खाते का चयन करते है।
- हलाकि कई बार वर्तमान ब्रोकर के साथ निवेशक का अनुभव अच्छा नहीं रहता है निवेशक डीमैट खाते के अतरिक्त शुल्क से परेशान होते है ऐसे मे दूसरे ब्रोकर के साथ जुड़ना आम बात होती है।
- इसी समय नए आने वाले ब्रोकर हाउस अच्छी रिसर्च सेवा अच्छा प्लेटफार्म दे रहे है तो भी निवेशक नए डीमैट खाते मे शेयर को ट्रासंफर करने मे उत्सुक रहते है।
- हलाकि कई बार ऐसा भी होता है की आपके पास पहले से ३ से 4 डिमैट खाते होते है और निवेशक अपने सभी शेयर को एक ही डीमैट खाते पर रखना चाहता हो।
- कुछ ऐसे निवेशक भी होते है जो की अपने अलग अलग प्लान्स के लिए अलग अलग डीमैट खातों मे शेयर को रखते है।
शेयर को डीमैट खाते मे ट्रासंफर करने की प्रोसेस :(Process Of Transfering Shares)
मौजूदा समय मे एक से दूसरे डीमैट खाते मे शेयर ट्रासंफर करने के लिए 3 विकल्प। है.
1 क्लोज़र कम ट्रासंफर :(Closer Cum-Transfer)
- इस प्रोसेस के नाम से ही आप जान सकते है की इस प्रोसेस मे पुराना डीमैट खाता बंद करके आप बिलकुल नया खाता खोल सकते है।
- इस प्रोसेस मे आपका पुराना वाला डीमैट खाता पूरी तरह से बंद करके सभी होल्डिंग नए डीमैट खाते पर ट्रांसफर की जाती है।
- इसमे आपको सबसे पहले आपको पुराने डीमैट खाते को बंद करने के लिए आवेदन करना होगा।
- इसी समय आपके नए ब्रोकर की क्लाइंट मास्टर रिपोर्ट की जानकारी भी आपके पुराने ब्रोकर के पास जमा करनी होगी।
- इसके बाद अगले कुछ दिनों मे आपकी शेयर होल्डिंग पुराने डीमैट से नए डीमैट खाते पर ट्रांसफर कर दी जाएगी।
- इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए नया और पुराना दोनों खाते एक ही आदमी के नाम पर होना जरुरी।
2 ऑनलाइन ट्रांसफर :(Online Transfer)
- शेयर को एक से दूसरे डीमैट खाते पर ट्रांसफर करने के लिए ऑनलाइन विकल्प सबसे आसान विकल्प है।
- हलाकि इस विकल्प के जरिये शेयर ट्रांसफर करने के लिए CDSL से जुड़ा होना जररी है।
- CDSL से जुड़े होने के बाद आपको CDSL की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना है।
- इसके बाद आपको CDSL के वेबसाइट पर मौजूद Easiest का विकल्प चुनना है। .
- फॉर्म को पूरा भरके सब्मिट कर देना है जिसके बाद कन्फर्मेशन का प्रिंट निकला है।
- इस प्रिंट को आपको डिपाजिटरी पार्टिसिपेट DP के पास भेज देना है।
- अगले प्रोसेस मे DP आपके जानकारी को सेंट्रल डिपाजिटरी के पास भेज देगा जहा पर इसका वेरिफिकेशन किया जायेगा।
- वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद आपको मेल आय डी पर CDSL वेबसाइट लोग इन आय डी और पासवर्ड भेजा जायेगा।
- इस आय डी पासवर्ड के जरिये लोग इन करके आप आपके शेयर को दूसरे डीमैट खाते पर ट्रासंफर कर सकते है।
3 ऑफलाइन ट्रांसफर :(Offline Transfer)
- ऑफलाइन ट्रांसफर विकल्प मे आपको आपके पुराने ब्रोकर के पास DIS याने डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप को जमा करनी होगी।
- जब आप नया डीमैट खाता खोलते है तब आपको यह DIS स्लिप वेलकम किट मे दी जाती है।
- इस फॉर्म के साथ साथ आपको नए ब्रोकर से मिली CMR कॉपी को भी पुराने ब्रोकर के पास जमा करना होगा।
- इसके बाद ट्रासंफर प्रोसेस आपके पुराने ब्रोकर के CSDL या NSDL होने के ऊपर निर्भर करेगा।
- अगर आपका पुराना ब्रोकर CDSL है इसके लिए इंट्रा डिपाजिटरी स्लिप इस्तेमाल करनी पड़ेगी।
- और NSDL के लिए आप इंटर डिपाजिटरी स्लिप का इस्तेमाल कर सकते है।
- इन दोनों फॉर्म को भरकर आपके पुराने वाले ब्रोकर के पास जमा करने होंगे।
- आपका ब्रोकर इस फॉर्म को जमा करनी की प्रिंट आपको देगा।
- इसके बाद आपका पुराण ब्रोकर नए ब्रोकर के पास आपके शेयर ट्रांसफर कर देगा।
DIS फॉर्म मे भरने की जरुरी जानकारी :(DIS Form Filling Guideline)
- ऑफलाइन शेयर ट्रांसफर करते समय DIS फॉर्म सबसे अहम् होता है जिसे ठीक से भरना काफी जरूरी होता है।
- सबसे पहले आपको क्लाइंट आय दी डालना होता है यह वो होता है जहा पर शेयर ट्रांसफर करने होते है एक 16 डिजिट का नंबर आपको नया ब्रोकर प्रदान करेगा।
- इसके बाद आपके होल्डिंग मे से जिन शेयर को ट्रांसफर करना है उनकी जानकारी ISIN नंबर जो की शेयर की पहचान करने के लिए होता है इसकी जानकारी भरनी है।
- अगले स्टेप मे आपको आपके DP शेयर ब्रोकर का नाम डालना है।
शेयर ट्रांसफर शुल्क :(Share Transfer Charges)
- शेयर ट्रासंफर करते समय लगने वाला शुल्क हर एक ब्रोकर का अलग हो सकता है कुछ ब्रोकर इसे मुफ्त सेवा भी देते है।
- पुराने ब्रोकर के साथ खाता बंद करके आप सिर्फ नया चालू कर रहे है तो आपको कोई शुल्क नहीं ,लगेगा
- लेकिन अगर आप शेयर ट्रांसफर के बाद पुराने और नए ब्रोकर के दोनों खाते चालू रखना चाहते है तो इसमे अतिरक्त शुल्क लिया जा सकता है।
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