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2021 NPS नेशनल पेंशन सिस्टम मे हुए है ये नए बदलाव यहाँ जाने पूरी जानकारी

NPS मतलब नेशनल पेंशन सिस्टम भारत मे निवेश के लिए सबसे बढ़िया और सुरक्षित विकल्प माना जाता है। इस साल 2021 मे सरकार ने केंद्र सरकार ने NPS के कुछ नियमो मे बदलाव किया है अगर आपका NPS निवेश खाता है या फिर निवेश करने वाले है तो इससे पहले इन बदलावों के बारे मे जानना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। यहाँ जाने NPS मे हुए बड़े बदलावों की पूरी जानकारी। 


    NPS क्या है ?(What Is NPS)

    • NPS मतलब राष्टीय पेंशन प्रणाली जिसे PFRDA के जरिये चलाया जाता है। 
    • यह एक पेंशन स्कीम है जिसे केंद्र सरकार के द्वारा शुरू किया गया है। 
    • इस पेंशन निवेश स्कीम के जरिए सरकारी नौकरी और  अन्य  निवेशक अपने रिटायरमेंट जीवन के लिए राशि जमा कर सकते है। 
    • इस समय सरकारी कर्मचारीओ के लिए NPS अनिवार्य है। 

    2021 मे हुए NPS के बदलाव :(Changes in NPS In 2020)


    1 5 लाख तक की पेंशन राशि निकासी का नियम :( Withdrawal of Rs.5 lakh pension corpus)

    • 2021 के इस नए नियम के मुताबिक अब NPS खाताधारक अब एक समय मे सीधा 5 लाख तक की पेंशन राशि निकल सकते है। 
    • इसी समय NPS धारक को एन्युटी ख़रीदनाना अनिवार्य नहीं होगा। 
    • यह निकासी राशि ज्यादा से ज्यादा 5 लाख हो सकती है उससे ज्यादा नहीं। 

    2 NPS खाता खोलने के उम्र पात्रता मे बदलाव :(Entry And Exit Age)

    • इस नियम को बदलने के पहले नया NPS खाता खोलने के लिए उम्र 18 से 60 तय थी जिसे बाद मे 65 कर दिया था। 
    • लेकिन अब NPS खाता खोलने के लिए उम्र मर्यादा 18 से 70 साल कर दी गयी है 
    • इसी समय NPS खाते से एग्जिट उम्र मर्यादा अब 75 साल कर दी गयी है। 

    3 आंशिक निकासी का विकल्प :(Partial Withdrawal)

    • इस नियम के मुताबिक खाताधारक को 3 साल पुरे होने के बाद आंशिक निकासी का विकल्प दिया गया है। 
    • इसमे धारक बच्चे की शिक्षा ,शादी ,घर का काम ,मेडिकल खर्चे के कारन देकर आंशिक निकासी कर सकता है। 
    • हलाकि नियमो के मुताबिक यह निकासी आपके कुल योगदान के 25 फीसदी तक हो सकता है 
    • वही NPS के खाते से पुरे समय मे 3 बार यह निकासी की जा सकती है। 
    • आंशिक निकासी के लिए NPS धारक को सेल्फ डेक्लेरेशन और निकासी का कारन NPS को देना होगा। 
    • आंशिक निकासी के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज जमा करने की जरुरत नहीं आप सिर्फ सेल्फ डेक्लरेशन फॉर्म जमा कर सकते है। 
    • इस समय NPS मे आपके बैंक डिटेल पहले से रेजिस्ट्रेड होंगे जिसके लिए आपको सिर्फ बैंक खाते का प्रूफ सब्मिट करना होगा। 
    • अगर आपका NPS बैंक खाता पहले से लिंक नहीं है तो आप NPS सिस्टम मे लोग इन करके इसे अपडेट या बदल सकते है। 

    4 NPS मे SIP का विकल्प :(SIP Through D-Remmit IN NPS)

    • NPS धारक अब निवेश को समय पर बनाने के लिए D-Remmit IMPS के जरिये तुरंत SIP निवेश चालू कर सकते है। 
    • हर महीने NPS निवेश करने वाले NPS धरकको को इससे काफी ज्यादा लाभ होगा। 
    • D remmit एक एलेक्ट्रोनिक प्रणाली है जिसमे आपके बैंक खाते से चुने समय पर ट्रस्टी बैंक के खाते पर SIP की राशि भेजी जाती है इसके लिए आपके ट्रस्टी बैंक के साथ आपका वर्चुअल आय डी होना चाहिए। 
    • D Remmit के जरिये पैसा उसी दिन ट्रांसफर होने के कारन उसी दिन की NAV NPS धारक को मिलती है। 
    • इसके कारन आपके पैसे उसी दिन आपके चुने हुए NPS फण्ड मे  निवेश हो जाते है। 

    5 NPS के लिए NACH मैंडेट :(NACH MANDATE IN NPS)

    • NPS धारक को NPS निवेश के लिए अब NACH मैंडेट विकल्प दिया गया है। 
    • इसके लिए खाता धारक को NACH रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिया जायेगा जिसमे आपके खाते से राशि खुद कट जाने के लिए आप्लिकेशन होगा। 
    • आप आपके NPS खाते पर लोग इन कर यह फॉर्म डाउनलोड कर सकते है यह सुविधा  के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है.
    • हलाकि यह सुविधा शुरू करने के बाद बैंक खाते मे पर्याप्त राशि रखना अनिवार्य है नहीं तो अतरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। 

    6 बैंक वेरिफिकेशन सर्विस :(Instant Bank Verification For NPS Subscribers)

    • इससे पहले NPS मे सभी प्रोसेस ज्यादातर ऑफलाइन होती थी लेकिन अब इसे पूरी तरह से ऑनलाइन बनाया जा रहा है। 
    • इसमे सबसे बड़ी बात अब हर खातेधार का बैंक खाता वेरिफिकेशन करने की नयी प्रोसेस अपने जा रही है 
    • NPS खातधरक के मृत्यु के बाद कभी कभी उसकी राशि बैंक खाते मे क्रेडिट नहीं होती है जिसका कारन गलत बैंक अकाउंट या भी ifsc कोड ऐसा होता था। ,
    • इस समस्या का हल करने के लिए अब NPS मे पैनी ड्राप सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। 
    • इस सिस्टम के तहत एक छोटा सा टेस्ट ट्रांजेक्शन करके आपके बैंक खाते की जानकारी और आपका PRAN खाते की जानकारी को वेरिफाई किया जायेगा। 
    • इस सुविधा के जरिये गलत बैंक ट्रासंफर या फिर ट्रांसफर फ़ैल समयसा कम हो जाएगी। 

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