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IPO Grey मार्किट और प्रीमियम क्या होता है यहाँ जाने पूरी जानकारी

शेयर बाजार मे नै कंपनी IPO के जरिये लिस्ट होती है अगर आप शेयर  बाजार मे निवेश करते है तो आपको आईपीओ के बारे मे अलग से बताने के जरुरत नहीं लेकिन जब आप आईपीओ आता है उससे पहले ग्रे मार्किट और प्रीमियम इस बारे मे जानकारी दी जाती है। आईपीओ लिस्ट होने के पहले ही इस ग्रे मार्किट पर उस आईपीओ की ;कीमत बताई आईपीओ आने के पहले ट्रेडिंग कैसे की जा सकती है ये सवाल इस ग्रे मार्किट को जानने के फेल मेरे मन मे आता था   ग्रे मार्किट और प्रीमियम के बारे मे काफी कम लोग जानते है चलिए तो फिर आज जानते है ग्रे मार्किट और प्रीमियम के बारे मे 


    आईपीओ ग्रे मार्किट क्या होता है ?(What Is IPO Grey Market)

    • आईपीओ ग्रे मार्किट एक ऐसा मार्किट है जहा पर आने वाले आईपीओ के शेयर की ट्रेडिंग की जाती है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट एक अनऑफिशियल मार्किट है जिसमे शेयर बाजार बोर्ड SEBI का कण्ट्रोल नहीं होता है ना ही कोई नियम होते है। 
    • कंपनी का आईपीओ आने के बाद और लिस्ट होने के पहले उसके शेयर इस ग्रे मार्किट पर ट्रेड किये जाते है। 
    • इसे ग्रे मार्किट को आप अवैध भी कह सकते है जिसे SEBI से मान्यता नहीं है। 
    • इस ग्रे मार्किट को किसी एक ट्रस्ट के कुछ लोग मिलकर चलाते है। 
    • इन सभी बातो के बावजूद आईपीओ ग्रे मार्किट पर ट्रेड होने से कंपनी और निवेशक दोनों को लाभ होता है। 
    • आईपीओ शेयर बाजार पर लिस्ट होने के पहले ग्रे मार्किट के जरिये कंपनी को आईपीओ वैल्यूएशन उसका बाजार मे डिमांड और संभावित कीमत का पता लग जाता है। 
    • कंपनी के लिए ग्रे मार्किट अपने आईपीओ को लिस्ट होने के पहले जांचने का मौका मिलता है। 
    • वही नए आईपीओ मे निवेश करने की सोचने वाले निवेशक ग्रे मार्किट के प्रीमियम से शेयर के अगले हलचल का पता लगा सकते है। 
    • ब्रोकरेज के आलावा इस अवैध ग्रे मार्किट आईपीओ मे किसी भी तरह का टैक्स भी नहीं लिया जाता है। 

    आईपीओ ग्रे मार्किट की विशेष बातें :(Features Of IPO Grey Market)

    • आईपीओ ग्रे मार्किट पूरी तरह से अवैध है इसे किसी भी शेयर बाजार से नियंत्रित नहीं किया जाता है। 
    • अगर आप आईपीओ ग्रे मार्किट पर ट्रेडिंग करते समेत पकडे जाते है तो आपको क़ानूनी करवाई हो सकती है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट मे ट्रेडिंग हर आईपीओ मे नहीं होती है सिर्फ बड़े आईपीओ मे ज्यादातर ग्रे मार्किट ट्रेडिंग की जाती है। 
    •  इसी ग्रे मार्किट ट्रेडिंग सिर्फ मुंबई दिल्ली अहमदाबाद जैसे बड़े मेट्रो शहरो मे ही होती है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट मे जब आप ट्रेडिंग करते है तब इसमे कोई ब्रोकरेज शुल्क नहीं लगता है। 
    • कोई भी कंपनी अपने आईपीओ को ग्रे मार्किट मे ट्रेड करने को बढ़ावा नहीं देती है हलाकि इसे रोक भी नहीं सकती है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट जे जरिये किसी कंपनी के शेयर को लिस्टिंग के बाद  लाभ या किसी शेयर को नुकसान भी हो सकता है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट  मे ट्रेडिंग करने के लिए कुछ लोगो का समूह डीलर निवेशक से सम्पर्क करते है। 
    • कंपनी के तरह ही आईपीओ ग्रे मार्किट निवेशकको को आईपीओ निवेश निर्णय को बनाने मे मदत करता है। 
    • इसी समय असल आईपीओ मे आपको शेयर के लॉट खरीदने पर मर्यादा होती है आप 14 हजार तक निवेश कर सकते है। 
    • लेकिन आईपीओ ग्रे मार्किट मे इसपर कोई मर्यादा नहीं है आप कितने भी शेयर खरीद और बेच सकते है। 

    कोस्टक रेट क्या है ?(What Is Kostak Rate)

    • कोस्टक रेट या कीमत मतलब नए आईपीओ को शेयर बाजार मे लिस्ट होने के पहले निवेशक अपने आईपीओ एप्लीकेशन को बेचकर जो राशि मिलती है। 
    • कुछ ऐसे आईपीओ निवेशक होते है जो आईपीओ एप्लीकेशन करके पैसे जमा करते है। 
    • लेकिन उसके बाद वो निवेशक आगे आईपीओ को सब्स्क्राइब नहीं करना चाहता है। 
    • ऐसे समय आईपीओ एप्लीकेशन निवेशक  उसे किसी ग्रे मार्किट मे निवेश करने वाले   निवेशक (Buyer ) को बेच सकता है। 
    • बेचते समय तय की गयी कीमत मतलब कोस्टक रेट बेचने वाले निवशक को दी जाती है। 
    • और खरीदने वाला निवेशक उस एप्लीकेशन के जरिये आईपीओ लिस्टेड होने के बाद  शेयर को प्राप्त करता है। 
    • आईपीओ के क्षमता के अनुसार कोस्टक रेट बदलते है। 

    ग्रे मार्किट प्रीमियम क्या होता है ?(What is Grey Market Premium )

    • जैसे आईपीओ शेयर बाजार पर लिस्ट होने के बाद उस कीमत को लिस्टिंग वैल्यू कहते है। 
    • थी इसी प्रकार ग्रे मार्किट प्रीमियम भी एक कीमत है जिसपर  उस आईपीओ के शेयर की ट्रेडिंग की जाती है।
    • इसे समझाना काफी आसान है ऐसा समझ लीजिये की नै ABC कंपनी जी अपने आईपीओ को लेकर आ रही है कंपनी ने 100 रूपए प्रति शेयर इशू कीमत रक्खी है। 
    • आईपीओ लिस्ट होने के पहले ग्रे मार्किट मे इस शेयर के लिए 150 रुपये प्रीमियम है तो इसका मतलब निवेशक को वो शेयर ग्रे मार्किट मे (100 रुपये इशू कीमत +150 रुपये प्रीमियम )मतलब 250 रुपये पर मिलेगा। 
    • ग्रे मार्किट प्रीमियम को शार्ट मे बताते हुए GMP कहा जाता है। 

    सब्जेक्ट तो सौदा क्या है ?(What Is Subject To Sauda)

    • कोस्टक रेट के अनुसार सब्जेक्ट तो सौदा  वो राशि होती है जब निवेशक को आईपीओ अलॉट मिलता है। 
    • इसका आसान मतलब अगर आपने सब्जेक्ट  सौदा के तहत किसी दूसरे को आईपीओ एप्लीकेशन बेचा और उसके बाद शेयर अलॉट नहीं मिला तो सौदा कैंसिल हो जाता है। 
    • इसी समय अलॉटमेंट मिलने पर तय कोस्टक राशि के अनुसार सौदा पूरा हो जाता है। 

    क्या करना चाहिए निवेश ?)Should You Invest)

    • आईपीओ ग्रे मार्किट से कम समय मे ज्यादा धनराशि कमाई जा सकती है लेकिन यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और इसे नहीं करना ही आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट पर किसी का नियंत्रण नहीं है और शेयर खरीद पर लिमिट भी नहीं  होता है जिसके कारन इस मार्किट मे काफ्री ज्यादा हलचल होती है। 
    • ग्रे मार्किट के जरिये आप आनेवाले आईपीओ के बारे मे अंदाज़ा लगा सकते है हलाकि यह गलत भी हो सकता है। 
    • आईपीओ ग्रे मार्किट मे निवेश करना एक सबसे जोखिम भरा काम है। 
    • अच्छी बात आप ग्रे मार्किट के  प्रीमियम को जानकर आईपीओ के बारे मे संभावित जानकारी प्राप्त कर सकते है जो आपको निवेश के निर्णय लेने मे कुछ हद तक मदत करेगा। 
    • ३िस आर्टिकल का मुख्या उद्देश्य ग्रे मार्किट के बारे मे सभी तरह की जानकारी आपके पास पहुंचना ही था। 

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