सेन्सेक्स क्या होता (What Is Sensex In Hindi ) ऐसा सवाल शेयर बाजार को सिखने वाले और शेयर बाजार मे नए लोग ज्यादातर पूछते है शेयर बाजार मे अनुभवी लोगो को सेंसेक्स कितना महत्वपूर्ण शब्द है पता होता है। जब ख़म किसी शेयर बाजार से जुड़े खबरों को सुनते है तब उसमे सेंसेक्स इतना ऊपर गया निचे आया ऐसा बताया जाता है और उसपर ही शेयर बाजार के हलचल की जानकारी दी जाती है अगर आप शेयर बाजार मे निवेश करना चाहते है और इसे सीखना चाहते है तो शेयर बाजार के बुनियादी बातो के बारे मे जानना काफी जरुरी है और इसमे से एक है सेंसेक्स तो चलिए चलिए जानते है क्या है सेंसेक्स
सेंसेक्स क्या होता है ?(What Is Sensex In Hindi)
- सेंसेक्स शब्द का पूरा अर्थ है sensitive और index इन दोनों शब्द को के शार्ट फॉर्म से बनता है सेंसेक्स जिसे दीपक मोहोनि द्वारा पहले इस्तेमाल किया।
- सेंसेक्स BSE शेयर बाजार का बेंचमार्क इंडेक्स है जो टॉप के 30 शेयर के प्रदर्शन के आधार पर शेयर बाजार के हालत की जानकारी देता है।
- आपको बता दे की सेंसेक्स की शुरवात 1986 मे हुई थी और यह भारत का सबसे पुराना शेयर बाजार इंडेक्स है।
- सेंसेक्स मे शीर्ष के 30 शेयर मार्किट कैपिटल के आधार पर चुने जाते है जो देश सबसे बड़े कंपनी के होते है।
- शीर्ष के ये टॉप कम्पनिया उस समय सबसे अच्छा परफॉर्म कर रही होती है।
सेंसेक्स कैसे काम करता है ?
- सेंसेक्स BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है।
- इसमे BSE पर लिस्टेड कंपनी के शेयर सेंसेक्स इंडेक्स के लिए चुने जाते है।
- इस समय BSE पर कुल 6 हजार से ज्यादा कंपनी के शेयर लिस्टेड है।
- हलाकि सेंसेक्स मे सिर्फ 30 ही शेयर चुने जाते है जो मार्किट कैपिटल से ज्यादा और इस समय का परफॉरमेंस देखा जाता है।
- सेंसेक्स के लिए शेयर बाजार से लिस्टेड १३ अलग अलग क्षेत्र की कम्पनियो को चुना जाता है।
- हर एक कम्पनी अपने सेक्टर की सबसे बड़ी कम्पनी होती है।
- सेंसेक्स के लिए शेयर चुनने के लिए एक कमिटी होती है जिसमे पत्रकार बैंक ,अर्थशास्त्र एक्सपर्ट जैसे कई विषयो के एक्सपर्ट शामिल होते है।
- एक सरल गणित का इस्तेमाल करते हुए 30 शेयर चुने जाते है।
- इस सेंसेक्स मे कभी कभी परफॉरमेंस निचे गिरने पर शेयर निचे जाता है तो कभी दूसरी कम्पनी टॉप ३० मे आ जाती है।
सेंसेक्स मे चुने जाने वाले कम्पनियो की पात्रता :
- सेंसेक्स मे शीर्ष के 30 कम्पनी के शेयर चुने जाते है जिनको चुनने के लिए कम्पनी कुछ जरुरी चेक लिस्ट का ध्यान रखती है।
- नियमो के अनुसार सेंसेक्स मे आने के लिए कोई भी कम्पनी कम से कम 1 साल या उससे ज्यादा शेयर बाजार पर लिस्ट होनी चाहिए
- इसके बाद इस लिस्टेड कंपनी मे हर दिन शेयर खरीदने और बेचना चालू रहना चाहिए और ट्रेड के अनुसार कंपनी देश के 150 बड़े कम्पनी मे से एक होना जरुरी है
- इसके बाद कम्पनी का मार्किट कैपिटल देखा जाता है और ज्यादा मार्किट कैपिटल वाली कम्पनी लिस्ट मे ऊपर रहती है।
- आखिर मे कम्पनी का इस समय का परफॉरमेंस भी ध्यान मे रक्खा जाता है।
सेंसेक्स का महत्व क्या है ?
- सेंसेक्स एक बेंचमार्क इंडेक्स है मतलब उसके स्तिथि के अनुसार शेयर बाजार के हालत पता लगते है।
- अगर सेंसेक्स मे शामिल कम्पनी के शेयर ज्यादा ख़रीदे जा रहे है और कीमत बढ़ रही है तो शेयर बाजार अच्छे हालत मे है ऐसा समझा जाता है।
- वही उसी समय अगर टॉप 30 मे बिकवाली ज्यादा है और कीमते कम हो रही है तो शेयर बाजार गिरावट मे है ऐसा समझा जाता है।
- सेंसेक्स सिर्फ शेयर बाजार के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी काफी महत्व पूर्ण होता है।
- देश के GDP के कुल 40 फीसदी हिस्सा सेंसेक्स मे शामिल कम्पनी यो का है
- मतलब सेंसेक्स का अच्छा स्तर देश की अर्थयवस्था और GDP मे सुधर के संकेत को दर्शाता है।
- इसी समय एक निवेशक को सेंसेक्स के जरिये बाजार का हल पता चलता है जिससे वो निवेश के निर्णय आसानी से ले सकता है।
- टॉप 30 मे होनी वाली कम्पनी मे ज्यादा रिसर्च किये बिना लोग निवेश कर सकते है और लम्बे समय मे अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है।
- सेंसेक्स ऊपर होने से देश के बाकि बाजार पर भी अच्छा असर पड़ता है इससे रूपये की कीमत बढ़कर दूसरी देशो से आने वाली चीजे सस्ती होती है।
- शेयर बाजार की शुरवात से लेकर अब तक के रिकॉर्ड को देखकर साफ़ पता चलता है की शेयर बाजार और देश ने कितना विकास किया है।
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