P नोट्स का मतलब है Particaptory नोट्स टेक्निकल भाषा मै इसको ऑफशोर dearivitive इंस्ट्रूमेंट ऐसा कहते है अगर आपको दूसरे देशो मै निवेश करना है तो इसके जरिये आप निवेश कर सकते है अगर आपको कॉन्ट्रैक्ट नोट्स पता होंगे तो P नोट्स भी समझ आ जायेंगे क्यों की दोनों मै समानता है P Notes की बजह से इंडियन मार्किट मै बोहत ज्यादा समस्या खड़ी हो रही और इसका कारण P Notes मै निवेश करने वाले निवेशक दूसरे देश के होते है और जो KYC नियम होता है वो उनपर नहीं लगता उनको भारत मै निवेश करने के लिए सेबी से रजिस्टर करने की जरुरत नहीं पडती ऐसे विदेशी निवेशक forigen institutional investors की जरिये इन्वेस्टमेंट करते तो आइये जानते है विस्तार मै P नोट्स के बारे मै
P नोट्स की बजह से क्या हुआ था 2007 मै?
अक्टूबर 2007 मै SEBI ने (स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया जो भारत मै शेयर मार्किट को कण्ट्रोल करती है ) P नोट्स के बजह से मार्किट मै जो उथल पुथल हो रही उसके लिए P नोट्स पर 50 फीसदी प्रतिबन्ध लगाने की मांग की SEBI P नोट्स से खुश नहीं थी क्यों की SEBI के पास इसकी कुछ भी जानकारी नहीं थी की इसका मालिक कौन और लेन देंन hedge फंड्स और Foreign institutional investors के जरिया होता है लेकिन sebi इस बाते को क्लियर नहीं कर पायी और सीधा असर मार्किट पर हुआ 17 अक्टूबर 2007 को मार्किट क्रैश हुआ इस दिन रिकॉर्ड सबसे ज्यादा Intraday ट्रांजेक्शन हुए थे और फिर इस हालत को सुधरने के liye sebi ने अपनी प्रतिबंध लगाने की मांग वापिस ले लिए इससे मार्किट फिर से ऊपर गया इसके बाद sebi ने एक और बाते क्लियर कर दी की फीर अभी कोई नये P नोट्स इशू नहीं कराएगा और जो अभी इशू हुए है 18 महीने ke लिए होंगे.
कैसे होता है P-नोट्स का कारोबार ?
जब पहली बार 1992 मै भारत सरकार ने विदेशी निवेशककों भारत के शेयर मार्किट मै निवेश करने की अनुमति दी गयी लेकिन रजिस्ट्रेशन की प्रोसेसिंग अनिवार्य रखी गयी जैसे की अगर आप भारत ke नागरिक हो तो आपको मार्किट मै निवेश करने के लिए KYC रजिस्ट्रेशन करना पडता है ठीक उसी प्रकार लेकिन कुछ निवेशक रजिस्ट्रेशन करना नहीं चाहते ऐसे मै ऐसे निवेशक जो विदेशी Brokrage हाउसेस SEBI के पास रजिस्टर होते है जैसे की FPI(FORIGEN PORTOFOLIO INVESTERS) इनके जरिये शेयर्स खरीदते है और उनको p notes देते है इससे उनको रजिस्ट्रेशन कराये बिना भारत मै निवेश कर सकते है और जो dividend मिलता है वो भी उनको सोप दिया जाता है.P नोट्स कड़वा सच
P नोट्स से जिस व्यक्ति ने बाजार मै पैसा लगाया है उसका नाम पता उसका कारोबार कुछ भी नहीं जान सकते इससे जो असली मालक है वो हमें कभी पता ही नहीं चलता और इसके आलावा अगर आप भारत के नागरिक हो तो आपको KYC फॉर्म PAN कार्ड ये सब डाक्यूमेंट्स देना पड़ता है जो की गलत बाते है p नोट्स किसके है इसका पता नहीं लगा सकते और इसके कारण इसमें काला पैसा आतंकवादी लोगो के पैसे भी शामिल हो सकते जो की बोहोत बड़ी बाते है इसके कारण p नोट्स भारत जैसे देश के लिए ख़तरनाक भी साबित हो सकता है ऐसा सोच लीजिये की p नोट्स के जरिये किसी आतंकवादी संघटन ने एक कंपनी के सारे शेयर खरीद लिए तो इससे वो उस कंपनीपे कण्ट्रोल भी कर सकते है।ये सभी बातें ध्यान मै रखते हुए SEBI ने स्पेशल कमिटी के निर्देश के अनुसार कुछ प्रतिबन्ध लगाए है
1) जिस कंपनी ब्रोकर हाउस ने P नोट्स जारी किये है वो किस की तरफ से किये है और इसका लाभ किसको मिलने वाला है इसका KYC रखना जरुरी है और फॉलो करना होगा
2) अगर p नोटेड दूसरे किसी विदेश के व्यक्ति के नाम ट्रांसफर करने हो तब पहले जिस व्यक्ति ne P नोट्स लिए थे उसकी अनुमति अनिवार्य है
3) P नोट्स सिर्फ और सिर्फ उसी व्यक्ति के नाम पे ले सकते है जिनका नाम लिस्ट मै है
4) P नोट जिस व्यक्ति ने लिया है उस व्यक्ति को अपने P नोट्स के डिटेल SEBI को पहुंचना जरुरी है और वो भी एक महीने के अंदर
5) अगर P नोट्स जारी करने के बाद अगर कुछ गैर कानूनी देखा तो उसकी रिपोर्ट फाइनेंसियल इंटेलिजेंट यूनिट को त्वरित करनी होंगी
6) हर साल p नोट्स लेने वाले व्यक्ति के डिटेल्स और रिपोर्ट Update करने होंगे
7) P नोट जारी करने के प्रकिया मै एंटी मनी लॉन्डरिंग क़ानून के नियम लागु होंगे
P नोट्स का गलत इस्तेमाल सिर्फ विदेश से ही नहीं बल्कि भारत के द्वारा भी हो रहा है कैसे टैक्स चोर जो अपना पैसा P नोट्स की जरिये कैसे बार कंपनी के प्रमोटर्स भी P नोट्स के जरिये पैसा लगाते है।
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