म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करने के पहले आपको आपके निवेश की जरुरत की और ध्यान देना जरूरी होता है इसके लिए कई सारे तरह के म्यूच्यूअल फण्ड उप्लाभ्दा है जो आपके निवेश की जरूरतों को पूरा करते है। जब आप किसी उद्देश्य को ध्यान मे रक्खे म्यूच्यूअल फण्ड निवेश की सोचते है तब आपको उसी तरह का म्यूच्यूअल फण्ड लेना चाहिए बाजार मे ७ प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड है जो आपके निवेश उद्देश्य को पूरा कर सकते है।
ग्रोथ इक्विटी फण्ड के जरिये सीधे शेयर बाजार मे निवेश किये जाता है। इस तरह के म्यूच्यूअल फण्ड मे ज्यादातर कैपिटल गेन्स के लिए लम्बे समय के लिए निवेश किया जाता है। क्वीटी फण्ड मे बोहोत ज्यादा रिस्की होते है और इसमे बोहोत ज्यादा उतर चढाव होता है। लम्बे समय मे आप इससे बाकि फण्ड के मुकाबले अच्छी रिटर्न कमा सकते है। अगर आप ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता रखते है तो आप इक्विटी फण्ड मे निवेश कर सकते है।
डेब्ट फंड्स :
डेब्ट फंड्स बोहोत सुरक्षित और फिक्स्ड इनकम फंड्स माने जाते है। क्यों की डेब्ट फंड्स मे फिक्स्ड इनकम स्त्रोत मे निवेश किया जाता है जैसे की डिबेंचर्स ,सरकारी बांड्स ,सरकारी सिक्योरिटीज ,मनी मार्किट इंस्ट्रूमेंट्स जो लोग रिस्क फ्री रेगुलर इनकम के बारे मे सोचते है उनके लिए यह म्यूच्यूअल फण्ड अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
बैलेंस्ड फंड्स :
बैलेंस्ड फंड्स मे थोड़ा डेब्ट फण्ड और इक्विटी शेयर मे निवेश किया जाता है। इससे आपको रेगुलर इनकम भी मिलती है और लम्बे समय के लिए अच्छा निवेश भी होता है। रिस्क की बात करे तो बैलेंस्ड फण्ड होने के कारन इसमे ५० ५० प्रतिशत की रिस्क होती है। जो लोग रेगुलर इनकम और थोड़ा रिस्क भी ले सकते है उनके लिए अच्छा विकल्प है।
टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स :(ELSS )
टैक्स सेविंग फण्ड मे आप निवेश करके सेक्शन 80C के तहत टैक्स मे छूट भी पा सकते है। कुछ ऐसे लोग होते है जो की टैक्स बचाने के उद्देश्य से निवेश करना चाहते है उनके लिए अच्छा विकल्प है। आप टैक्स बचाकर अच्छी रिटर्न भी कमा सकते है ,(इस फण्ड को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम भी कहा जाता है )
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स :(ETF )
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स मे सीधे शेयर बाजार मे निवेश किया जाता है ETF मे आप गोल्ड ,विदेशी मुद्रा ,कमोडिटी आयल ,को यूनिट मे खरीद सकते है और इसे आप साधारण शेयर बाजार जैस बेच सकते है। एक एक ऐसा विकल्प है जिससे आप शेयर बाजार जैसे ही ETF मे ट्रेड कर सकते है आप चाहे तो म्यूच्यूअल फण्ड पोर्टफोलिओ को होल्ड कर सकते है। इसके लिए आप डायरेक्ट या फिर रेगुलर का विकल्प चुन सकते है।
ओपन एंडेड फंड्स :
ओपन एंडेड फंड्स मे आप रेगुलेरली ट्रेडिंग कर सकते है जिसमे आप यूनिट्स खरीदकर NAV बढ़ने पर बेच सकते है। और ये आप रेगुलेरली कर सकते है।
क्लोज एंडेड फंड्स :
क्लोज एंडेड फण्ड एक लॉक इन पीरियड के साथ होती है। जिसमे एक चुने हुए समय तक आपको इस म्यूच्यूअल फण्ड को होल्ड करना होगा और समय पूरा होने के बाद उससे एग्जिट कर सकते है।
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार :
ग्रोथ या फिर इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड :ग्रोथ इक्विटी फण्ड के जरिये सीधे शेयर बाजार मे निवेश किये जाता है। इस तरह के म्यूच्यूअल फण्ड मे ज्यादातर कैपिटल गेन्स के लिए लम्बे समय के लिए निवेश किया जाता है। क्वीटी फण्ड मे बोहोत ज्यादा रिस्की होते है और इसमे बोहोत ज्यादा उतर चढाव होता है। लम्बे समय मे आप इससे बाकि फण्ड के मुकाबले अच्छी रिटर्न कमा सकते है। अगर आप ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता रखते है तो आप इक्विटी फण्ड मे निवेश कर सकते है।
डेब्ट फंड्स :
डेब्ट फंड्स बोहोत सुरक्षित और फिक्स्ड इनकम फंड्स माने जाते है। क्यों की डेब्ट फंड्स मे फिक्स्ड इनकम स्त्रोत मे निवेश किया जाता है जैसे की डिबेंचर्स ,सरकारी बांड्स ,सरकारी सिक्योरिटीज ,मनी मार्किट इंस्ट्रूमेंट्स जो लोग रिस्क फ्री रेगुलर इनकम के बारे मे सोचते है उनके लिए यह म्यूच्यूअल फण्ड अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
बैलेंस्ड फंड्स :
बैलेंस्ड फंड्स मे थोड़ा डेब्ट फण्ड और इक्विटी शेयर मे निवेश किया जाता है। इससे आपको रेगुलर इनकम भी मिलती है और लम्बे समय के लिए अच्छा निवेश भी होता है। रिस्क की बात करे तो बैलेंस्ड फण्ड होने के कारन इसमे ५० ५० प्रतिशत की रिस्क होती है। जो लोग रेगुलर इनकम और थोड़ा रिस्क भी ले सकते है उनके लिए अच्छा विकल्प है।
टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स :(ELSS )
टैक्स सेविंग फण्ड मे आप निवेश करके सेक्शन 80C के तहत टैक्स मे छूट भी पा सकते है। कुछ ऐसे लोग होते है जो की टैक्स बचाने के उद्देश्य से निवेश करना चाहते है उनके लिए अच्छा विकल्प है। आप टैक्स बचाकर अच्छी रिटर्न भी कमा सकते है ,(इस फण्ड को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम भी कहा जाता है )
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स :(ETF )
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स मे सीधे शेयर बाजार मे निवेश किया जाता है ETF मे आप गोल्ड ,विदेशी मुद्रा ,कमोडिटी आयल ,को यूनिट मे खरीद सकते है और इसे आप साधारण शेयर बाजार जैस बेच सकते है। एक एक ऐसा विकल्प है जिससे आप शेयर बाजार जैसे ही ETF मे ट्रेड कर सकते है आप चाहे तो म्यूच्यूअल फण्ड पोर्टफोलिओ को होल्ड कर सकते है। इसके लिए आप डायरेक्ट या फिर रेगुलर का विकल्प चुन सकते है।
ओपन एंडेड फंड्स :
ओपन एंडेड फंड्स मे आप रेगुलेरली ट्रेडिंग कर सकते है जिसमे आप यूनिट्स खरीदकर NAV बढ़ने पर बेच सकते है। और ये आप रेगुलेरली कर सकते है।
क्लोज एंडेड फंड्स :
क्लोज एंडेड फण्ड एक लॉक इन पीरियड के साथ होती है। जिसमे एक चुने हुए समय तक आपको इस म्यूच्यूअल फण्ड को होल्ड करना होगा और समय पूरा होने के बाद उससे एग्जिट कर सकते है।
फण्ड प्रकार | रिस्क लेवल |
इक्विटी फण्ड | हाई रिस्क |
डेब्ट फंड्स | रिस्क फ्री |
बैलेंस्ड फंड्स | मध्यम रिस्क |
टैक्स सेविंग फंड्स | हाई रिस्क |
ओपन एंडेड फंड्स | हाई रिस्क |
क्लोज एंडेड फंड्स | हाई रिस्क |
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